Mayan KansalSep 3, 20151 min readArchivesMan vs. Mirror‘Mirror, O Mirror, the fuck did i see?!’ ‘Nothing but your face dear Human, on your plea.’ ‘But this ain’t me, what have you done?!’...
Mayan KansalOct 28, 20141 min readArchivesकवि नही, कविता हूं मैं!जिसे पढ़ा नही, कभी लिखा नही, जो कथित नही , कहीं गठित नही, कागज पर उतरने की चाह में जो, शुरू हूई, पर खतम नही, वो कविता हुं मैं! नाव नही,...
Mayan KansalOct 26, 20141 min readArchivesन जाने क्यूं !न जाने क्यूं, कभी कभी ऐसा लगता है जेसे अभी बहुत कुछ पाना बाकी है, जेसे कहीं जा रहे हैं और कहीं पहुचना बाकी है | ना जाने क्यूं एक बेचेनी...
Mayan KansalJun 27, 20141 min readArchivesChoicesToday, I just once more realized that life is all about the choices we make. On the face value, chances may appear to be the bigger...
Mayan KansalJun 19, 20141 min readArchivesबेनाम ख्वाहिशेंरोते बच्चे की वो चाह, ढलते बुढ़ापे की इच्छा, सरहद पर तन्हाई, वो बेमतलब की लडाई, उस बच्चे को मनाना है, वृद्ध के जीवन को सुलझाना है, देश...
Mayan KansalJun 15, 20141 min readArchivesचलो चलें पहाड़ पर !चलो चलें पहाड़ पर, वो जश्न की बाहार में, चढ़ें फिर आसमान तक, चीर दें भुजाओं से, चीर कर गगन को यूं, भरें वो रंग जीत के, जीत कर अंधेरे को,...
Mayan KansalJun 13, 20141 min readArchivesजीवन की कश्तीयूं तो आज भी कुछ नही हूँ मैं, फिर भी कभी कभी सोचता हूँ— —कितनो से आगे निकल आया हूँ, और कितना आगे निकल आया हूँ! कभी जिनकी किस्मत को...