Mayan KansalJun 13, 20141 min readArchivesजीवन की कश्तीयूं तो आज भी कुछ नही हूँ मैं, फिर भी कभी कभी सोचता हूँ— —कितनो से आगे निकल आया हूँ, और कितना आगे निकल आया हूँ! कभी जिनकी किस्मत को...