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Couplet #4

  • Writer: Mayan Kansal
    Mayan Kansal
  • Oct 13, 2015
  • 1 min read
बेमुरव्वत-सी कैसी फितरत है ये तेरी ज़िंदगी, तबस्सुम मुख्तसर वक्त की नसीब है और ज़ख्म मुसलसल देती चली जाती है ।

©मयन, October 13, 2015

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