top of page

Couplet #17

  • Writer: Mayan Kansal
    Mayan Kansal
  • Nov 17, 2017
  • 1 min read

Updated: Oct 14, 2021




ज़रिए और भी हैं दिल-ए-बिस्मिल करने के, कभी चलती राह गौर फ़रमाइए, दिल ख़ुद-ब-ख़ुद बिखर जाएगा ।

©मयन, 17th November, 2017

Recent Posts

See All
Couplet #15

वो ख़ुदा क्या किसी का नसीब लिखेगा, जिसका वज़ूद, इंसान मिट्टी से जताता है। ©मयन

 
 
 
Couplet #21

ख़्वाबों का, चाहतों का, इरादों का जो भी हश्र हो, फ़क़त ख़ुद से ख़ुद तक का सफ़र न कभी मुक़म्मल हो। ©मयन, 9th March, 2019

 
 
 

Comentarios


bottom of page