Couplet #14Mayan KansalSep 27, 20181 min read ये जो, घी और लकड़ी का व्यापार, खुले-आम कर रहे हैं, जिस दिन चिंगारी भी ख़ुद के घर पहुंच गई, तब पूछेंगे, “ये शहर में आग किसने लगाई?”©मयन
Couplet #21ख़्वाबों का, चाहतों का, इरादों का जो भी हश्र हो, फ़क़त ख़ुद से ख़ुद तक का सफ़र न कभी मुक़म्मल हो। ©मयन, 9th March, 2019
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