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Couplet #11

  • Writer: Mayan Kansal
    Mayan Kansal
  • Dec 17, 2016
  • 1 min read
सुनो मैं चांद भी ला दूंगा, उसके दागो की तोहीन मत करना, तारे हज़ार ला दूंगा, गिनती कर कम मत बतला देना, चांदनी के साए की इंतज़ार में तुमने अक्सर शाम को बे-जाम किया है, दगा ना शाम की होती है, ना जाम की, रात की तो हसरत में ही हर पन्द्रह दिन में अंधेरा होता है।

©मयन, December 17, 2016

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